मध्यप्रदेश जल और भूमि प्रबंध संस्थान (MP WALMI) में आपका हार्दिक स्वागत है। जल और भूमि संसाधन हमारे प्रदेश की समृद्धि और सतत विकास की आधारशिला हैं। वर्तमान समय में जल संरक्षण, प्रभावी भूमि प्रबंधन और प्राकृतिक संसाधनों के समेकित उपयोग की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।
प्रशिक्षण व्यक्तित्व विकास, कार्यकुशलता और आत्मविश्वास बढ़ाने का प्रमुख, सस्ता एवं प्रभावी माध्यम है। प्रशिक्षण से नए ज्ञान और कौशल को सीखने में सहायता मिलती है, जिससे कार्य की गुणवत्ता में सुधार होता है। प्रशिक्षण से व्यक्ति और विभाग, दोनों की उत्पादकता व प्रगति सुनिश्चित होती है। इसी दृष्टि से म.प्र. वाल्मी प्रशिक्षण, अनुसंधान और क्षमता निर्माण के माध्यम से किसानों, अधिकारियों और संबंधित हितधारकों को नवीनतम तकनीकों और प्रथाओं से अवगत कराकर प्रदेश के प्राकृतिक संसाधन, कृषि और ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
इस हेतु संस्थान में अद्यतन अधोसंरचना उपलब्ध है। संस्थान द्वारा विभिन्न विषयों पर आवासीय, गैर आवासीय एवं मैदानी स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रमों के अलावा विभिन्न स्तर के हितग्राहियों हेतु राज्य के भीतर एवं बाहर शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम भी अयोजित किये जाते हैं।
इसके अतिरिक्त संस्थान द्वारा प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन योजनाओं का क्रियान्वयन भी किया जाता है। संस्थान द्वारा शासन के कुछ विभागों हेतु सघन वनीकरण का कार्य किया गया है। हरियाली से परिपूर्ण संस्थान परिसर विविध प्रकार के जीव जंतुओं का आश्रय भी है जिसे परिसर में बाघ का भ्रमण पूर्णता प्रदान करता है। इस हेतु संस्थान परिसर को बायो डायवर्सिटी हेरिटेज भी घोषित किया गया है।
संचालक
म.प्र. जल एवं भूमि प्रबंध संस्थान (वाल्मी)
हमारा प्रयास है कि हम जल और भूमि संसाधनों के सतत एवं वैज्ञानिक प्रबंधन को बढ़ावा दें, ताकि मध्यप्रदेश में जल सुरक्षा सुनिश्चित हो और कृषि उत्पादन में वृद्धि हो। साथ ही, हम जल संरक्षण के प्रति जनजागरूकता फैलाने और जल-संवर्धन की दिशा में सामूहिक प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मैं आशा करती हूँ कि हमारे प्रशिक्षण कार्यक्रम और अनुसंधान कार्य प्रदेश के विकास में सार्थक बदलाव लाने में सहायक होंगे। आप सभी का हमारे साथ सहयोग और समर्थन हमारे प्रयासों को सफल बनाने में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
धन्यवाद।